
कोलकाता। शांतिनिकेतन का सोनाझुरी खोवाई बाजार इस बार वसंत महोत्सव के रंगों से महरूम रहेगा। वन विभाग के प्रतिबंध के चलते यहां न तो कोई आयोजन होगा और न ही रंगों की बौछार देखने को मिलेगी। हालांकि, डोल पूर्णिमा के दिन पर्यटक और स्थानीय लोग सोनाझुरी खोवाई में आ तो सकेंगे, लेकिन रंग खेलने की इजाजत नहीं होगी।
विश्वभारती विश्वविद्यालय प्रशासन पहले ही 2019 से बाहरी लोगों के लिए वसंत उत्सव को प्रतिबंधित कर चुका है, और अब बोलपुर वन विभाग ने भी सोनाझुरी खोवाई में इस आयोजन पर रोक लगा दी है। विभाग का कहना है कि वनों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
हर साल शांतिनिकेतन आने वाले पर्यटकों के लिए वसंत महोत्सव एक बड़ा आकर्षण होता था, लेकिन इस प्रतिबंध से वे निराश हैं। वहीं, बाजार के व्यापारी इस फैसले का समर्थन कर रहे हैं, क्योंकि बड़ी संख्या में आने वाले लोगों और वाहनों से वन क्षेत्र को नुकसान पहुंच रहा था।
बोलपुर वन विभाग के अनुसार, “रंग खेलने और भारी भीड़ के कारण पेड़ों को नुकसान होता था। साथ ही, पार्किंग के दौरान वन भूमि प्रभावित होती थी। इसलिए इस वर्ष यह फैसला लिया गया है।”
शांतिनिकेतन में वसंत उत्सव की अपनी एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान रही है। हालांकि, प्रतिबंध के बावजूद, स्थानीय लोग और पर्यटक अन्य स्थानों पर अपने तरीके से इस त्योहार को मनाने की कोशिश करेंगे। सवाल यह उठता है कि क्या यह परंपरा धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगी या फिर कोई नया समाधान निकलेगा?
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