अटल जी दिमाग के साथ दिल से बोलते थे : प्रो. सोलंकी

भोपाल : राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना का अखिल भारतीय साहित्यकार महोत्सव एवं अटल काव्य सम्मान 25 एवं 26 दिसंबर 2021 को हिंदी भवन भोपाल में संपन्न हुआ। महोत्सव का शुभारंभ मुख्य अतिथि के रूप में राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने किया उन्होंने कहा कि अटल जी दिमाग के साथ दिल से बोलते थे। उन्होंने हिंदी को विश्व मंच पर पहुंचाया। सोलंकी जी ने अटल जी के व्यक्तित्व और कृतित्व के संदर्भ में अनेक प्रसंग सुनाए। डॉ. राम वल्लभाचार्य ने अटल बिहारी बाजपेई के बड़नगर में शिक्षा प्राप्ति तथा कवि प्रदीप के संदर्भ में प्रसंग सुनाए। अध्यक्षता कर रहे डॉ. गौरी शंकर शर्मा ने अटल जी पर एक ओजपूर्ण रचना सुनाई।

उज्जैन के डॉ. शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि आज अटल बिहारी वाजपेई एवं महामना मदन मोहन मालवीय को आज याद करना हिंदी व भारत की संस्कृति को नमन करना है। डॉ. जवाहर कर्णावत ने अटल बिहारी बाजपेई को हिंदी का महान सेवक बताया। इस अवसर पर संस्था के मासिक पत्र संचेतना समाचार के चौथे अंक का लोकार्पण पत्र के प्रधान संपादक हरेराम बाजपेई, सम्पादक डॉ. प्रभु चौधरी, साहित्यकार हेमलता शर्मा एवं अन्य सुधि जनों की उपस्थिति में हुआ। इस अवसर पर महासचिव डॉ. प्रभु चौधरी ने संस्था के कार्यों पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में रात को संपन्न काव्य गोष्ठी का संचालन कवियित्री पायल परदेसी ने किया। अध्यक्षता जयपुर की डॉ. शिवा लोहारिया ने की। इस अवसर पर करीब 20 कवियों ने अटल जी हिंदी भाषा व राष्ट्र को लेकर अपनी रचनाएं सुनाई। दूसरे दिन प्रथम सत्र में विश्व में हिंदी का बढ़ता प्रभाव उपलब्धियां एवं संभावनाएं विषय पर संगोष्ठी हुई जिसमें अंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. प्रकाश वरतुनिया ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि हिंदी विश्व के हर क्षेत्र में पहुंच चुकी है। इसका भविष्य बहुत उज्ज्वल है। राष्ट्रभाषा प्रचार समिति हिंदी भवन के मंत्री श्री कैलाश चंद पंत ने कहा कि हिंदी पढ़ कर विश्व भारत का अध्ययन कर रहा है।

इस कार्यक्रम में आगरा के दिग्विजय कुमार शर्मा, नरेंद्र सिंह परिहार, अनुसुया अग्रवाल, बृजकिशोर शर्मा, ज्योति जलज, पुष्पा गरोठिया, आकाशवाणी के विनोद नागर ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता हिंदी परिवार इंदौर के अध्यक्ष हरे राम बाजपेई ने की। संचालन श्रेष्ठा जोशी ने किया। आभार संस्था के अध्यक्ष बृजकिशोर शर्मा ने व्यक्त किया। इस अवसर पर अटल बिहारी वाजपेई की स्मृति में सारस्वत अभिनन्दन पत्र डॉ. शैलेंद्र कुमार शर्मा, हरेराम वाजपेई, ब्रजकिशोर शर्मा, डॉ. अनुसूया अग्रवाल एवं हेमलता शर्मा सहित दस साहित्यकारो को अटल श्री सारस्वत सम्मान प्रदान किया गया।

इस दो दिवसीय महोत्सव में डा. अनसूया अग्रवाल, ज्योति जलज, श्रीराम शर्मा परिंदा, पायल परदेसी, बिनया राजाराम, डॉ. सुधा शिव, पुरुषोत्तम तिवारी, ब्रज वाला गुप्ता, कैलाश परमार, दीपा दीप दिल्ली से एवं राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश आदि के कई शहरों से आए साहित्यकारों को अटल श्री काव्य सम्मान प्रदान किए। समारोह मे सात प्रदेश के पदाधिकारियों ने सहभागिता की एवं बहुत आदर के साथ भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेई को याद करते हुए हिंदी भाषा को और अधिक सशक्त बनाने के लिए संकल्प लिया।

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