मुंबई | 21 अक्टूबर 2025 : गोवर्धन असरानी, जिन्हें दुनिया सिर्फ असरानी के नाम से जानती थी, अब हमारे बीच नहीं रहे। 20 अक्टूबर को मुंबई के एक अस्पताल में उनका 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे बीते कई दिनों से बीमार चल रहे थे। उनके निधन से भारतीय सिनेमा के एक युग का अंत हो गया है।
🎬 अभिनय का सफर: जयपुर से शोले तक
- जन्म: 1 जनवरी 1941, जयपुर
- शिक्षा: राजस्थान कॉलेज, फिर FTII पुणे से अभिनय में प्रशिक्षण
- फिल्मी शुरुआत: 1967 में हरे कांच की चूड़ियां
- ब्रेकथ्रू: 1971 की गुड्डी
- 1970–79: 100+ फिल्मों में अभिनय, दशक के सबसे व्यस्त कलाकारों में शामिल
असरानी ने अपने जीवन में हजारों लोगों के चेहरे पर हंसी लाने का काम किया, लेकिन वह खुद हमेशा कैमरे के पीछे गंभीरता और मेहनत से काम करते रहे। उन्होंने सिनेमा को जो दिया, वह यादगार है।
बहुत कम लोग जानते हैं कि वे सुपरस्टार राजेश खन्ना के सबसे पसंदीदा अभिनेताओं में से एक थे और दोनों ने साथ में करीब 25 फिल्मों में काम किया था।

🤝 राजेश खन्ना के साथ दोस्ती और 25+ फिल्में
- पहली मुलाकात: बावर्ची (1972)
- साथ की प्रमुख फिल्में: अवतार, अमर दीप, नौकर, कुदरत, धरम-कांटा, आंखों आंखों में
- राजेश खन्ना अक्सर कहते थे:
“असरानी को मेरी हर फिल्म में होना चाहिए।”
राजेश खन्ना को असरानी का अभिनय इतना पसंद आया कि वह हर निर्माता से कहते थे कि असरानी को उनकी फिल्म में कास्ट किया जाए।
यही वजह रही कि ‘अवतार’, ‘अमर दीप’, ‘नौकर’, ‘कुदरत’, ‘बावर्ची’, ‘धरम-कांटा’ और ‘आंखों आंखों में’ जैसी फिल्मों में दोनों साथ नजर आए। राजेश खन्ना जहां भी जाते, असरानी को जरूर साथ ले जाते।
🎭 यादगार किरदार
| फिल्म | किरदार | विशेषता |
|---|---|---|
| शोले (1975) | जेलर | “हम अंग्रेजों के ज़माने के जेलर हैं” |
| छोटी सी बात | नागेश शास्त्री | कॉमिक-रोमांटिक गहराई |
| चुपके चुपके | अंग्रेज़ी प्रोफेसर | व्यंग्य और मासूमियत |
| अभिमान | चंदर | भावनात्मक संतुलन |
उन्होंने कई बार नायक सरीखे और गंभीर किरदार भी निभाए। ‘छोटी सी बात’ में उनका नागेश शास्त्री वाला रोल, ‘चुपके चुपके’ में अंग्रेजी के प्रोफेसर और ‘अभिमान’ में चंदर का किरदार लोगों को आज भी याद है। वहीं 1975 में आई फिल्म ‘शोले’ में उनका जेलर का रोल तो अमर हो गया।
‘हम अंग्रेजों के जमाने के जेलर हैं’ डायलॉग आज भी हर पीढ़ी की जुबान पर है। इस किरदार के लिए उन्होंने हिटलर की बायोग्राफी पढ़ी और उसकी चाल-ढाल को कॉमिक अंदाज में पेश किया था।
🎬 निर्देशन और पुरस्कार
- निर्देशन: चला मुरारी हीरो बनने, हम नहीं सुधरेंगे, अमदावद नो रिक्शावालो
- पुरस्कार:
- आज की ताजा खबर (1974) — फिल्मफेयर बेस्ट कमीडियन
- सात कैदी — गुजरात सरकार से सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और निर्देशक
🧘♂️ निजी जीवन और अंतिम इच्छा
- पत्नी: मंजरी असरानी (अभिनेत्री)
- अंतिम इच्छा:
“मेरा अंतिम संस्कार सादगी से, सिर्फ परिवार के बीच हो।”
- अंतिम संस्कार: सांताक्रूज, शास्त्री नगर श्मशान भूमि, मुंबई
असरानी आखिरी बार 2023 में आई फिल्म ‘ड्रीम गर्ल 2’ और ‘नॉन स्टॉप धमाल’ में नजर आए थे। उनकी निजी जिंदगी भी बेहद शांतिपूर्ण रही। पत्नी मंजरी असरानी खुद भी अभिनेत्री थीं और दोनों ने साथ में एक लंबा वक्त बिताया।
असरानी की इच्छा थी कि जब वे दुनिया छोड़ें तो उनका अंतिम संस्कार सादगी से और परिवार के बीच किया जाए। यही वजह है कि मुंबई के सांताक्रूज इलाके के शास्त्री नगर स्थित श्मशान भूमि में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया, जहां उनके परिवार के सदस्य समेत करीबी लोग मौजूद रहे।
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