आशीर्वाद नमक की ‘आयोडीन का तिलक’ रथ यात्रा मुहिम निकली

ब्रांड ने आयोडीन के महत्व को लेकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से पुरी, भुवनेश्वर, कोणार्क और कटक में पथ नाटकों का आयोजन किया

कोलकाता, 4 जुलाई 2025: जब पुरी की गलियों में ‘जय जगन्नाथ’ के पवित्र जयघोष गूंजते हैं, तब आशीर्वाद नमक लगातार दूसरे वर्ष अपने “आयोडीन का तिलक” अभियान के साथ लौट आया है। इस वर्ष ब्रांड ने एक प्रभावशाली नए माध्यम ‘पथ नाटक’ (सड़क पर प्रस्तुत किया जाने वाला नाट्य प्रदर्शन) की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य समुदायों को आयोडीन के महत्व के बारे में जागरूक करना, संवाद को प्रोत्साहित करना और कहानी कहने की कला के माध्यम से दर्शकों से भावनात्मक रूप से जुड़ना है।

यह स्ट्रीट प्ले रथ यात्रा की कथा और रोज़मर्रा के आहार में आयोडीन के महत्व को एक साथ जोड़ता है। स्थानीय थिएटर कलाकारों द्वारा प्रस्तुत यह लाइव नाटक एक ऐसी मां की कहानी सुनाता है जो अपने बच्चे की पढ़ाई को लेकर चिंतित होती है, तभी एक डॉक्टर आता है और उन्हें आयोडीन युक्त नमक के उपयोग की सलाह देता है ताकि आयोडीन की कमी से बचा जा सके और बच्चे के मस्तिष्क के विकास में सहायता मिल सके।

यह नाटक लोक कथात्मक शैली, हास्य और भावनाओं को मिलाकर एक स्पष्ट संदेश देता है : आयोडीन युक्त नमक केवल रसोई की जरूरत नहीं, बल्कि यह बढ़ते बच्चों के मस्तिष्क विकास और जीवन भर संज्ञानात्मक क्षमताओं के लिए अत्यंत आवश्यक है।

इस पूरे अभियान का मुख्य केंद्र है प्रतीकात्मक ‘आयोडीन का तिलक’, पारंपरिक चंदन से बना तिलक जिसमें आयोडीन का सत्व मिलाया गया होता है। यह भक्तों के ललाट पर लगाया जाता है, जिससे शरीर को प्रतीकात्मक और वास्तविक रूप से आयोडीन की खुराक मिलती है। इस धार्मिक क्रिया के साथ एक सामूहिक स्वास्थ्य संकल्प भी लिया जाता है, जिसमें हर परिवार से अपील की जाती है कि वे अपने रोज़ाना के भोजन में आयोडीन युक्त नमक को जरूर शामिल करें।

आईटीसी लिमिटेड के फूड्स डिवीजन में स्टेपल्स और अडजेसेंसीज़ के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) अनुज रुस्तगी ने कहा, “आयोडीन का तिलक” अभियान के माध्यम से हम परिवारों को आयोडीन की कमी के जोखिमों के प्रति जागरूक करने के अपने मिशन को जारी रखे हुए हैं। आयोडीन युक्त नमक, विशेष रूप से बच्चों के लिए, मस्तिष्क के विकास में आवश्यक आयोडीन की पूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इस वर्ष, ‘पथ नाटक’ के जरिए हम यह महत्वपूर्ण संदेश सीधे समुदायों तक पहुँचा रहे हैं, जो न सिर्फ प्रभावी है, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी गहराई से जुड़ा हुआ है और लोगों के लिए आसानी से समझने योग्य और रुचिकर है। इस पहल के माध्यम से हमारा उद्देश्य है कि हर रसोई में आशीर्वाद आयोडीन युक्त नमक के रूप में एक पोषण सहयोगी के साथ, हर चुटकी में एक सकारात्मक कदम उठाया जाए।”

जमीनी स्तर पर इस अभियान के हिस्से के रूप में 30 जून को पुरी के ग्रैंड रोड पर एक लाइव पथ नाटक का आयोजन किया गया, जहां 27 जून से 5 जुलाई तक श्रद्धालुओं को “आयोडीन का तिलक” भी लगाया जा रहा है। यह पथ नाटक वैन भुवनेश्वर (27–29 जून), कोणार्क (1 जुलाई) और कटक (2–5 जुलाई) में भी यात्रा कर रही है, ताकि पुरी से बाहर के परिवार भी इस अभियान के संदेश को अनुभव कर सकें।

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