अनिल बेदाग, मुंबई | 16 अक्टूबर 2025 : अपोलो कैंसर सेंटर, नवी मुंबई ने महाराष्ट्र में पहली बार रोबोटिक निप्पल-स्पेयरिंग मस्टेक्टॉमी और TiLoop इम्प्लांट के साथ तत्काल ब्रेस्ट रिकंस्ट्रक्शन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इस minimally invasive तकनीक ने स्तन कैंसर उपचार को तेज़, सुरक्षित और सौंदर्य-संवेदनशील बना दिया है।
🧬 सर्जरी की विशेषताएँ
- निप्पल-स्पेयरिंग मस्टेक्टॉमी: ट्यूमर को हटाते हुए स्तन का प्राकृतिक स्वरूप बनाए रखना
- छोटे चीरों के ज़रिए सर्जरी: निशान हल्के, दर्द कम, रिकवरी तेज़
- तत्काल ब्रेस्ट रिकंस्ट्रक्शन: मानसिक आघात को कम करना, आत्मविश्वास बनाए रखना
- TiLoop इम्प्लांट का उपयोग: सौंदर्य और संरचना दोनों का संतुलन
🩺 विशेषज्ञों की राय
- डॉ. नीता नायर, लीड कंसल्टेंट, ब्रेस्ट-रोबोटिक सर्जरी ने बताया कि “इस तकनीक का उद्देश्य कैंसर को पूरी तरह हटाते हुए स्तन का प्राकृतिक स्वरूप बनाए रखना है। छोटे चीरों के ज़रिए ट्यूमर हटाने से निशान बेहद हल्के पड़ते हैं, रिकवरी तेज़ होती है और मरीज़ का आत्मविश्वास बरकरार रहता है।”
पारंपरिक ओपन सर्जरी के मुकाबले, रोबोटिक मस्टेक्टॉमी से टिश्यू और रक्त का कम नुकसान होता है और दर्द भी बहुत कम रहता है।
साथ ही, तत्काल रिकंस्ट्रक्शन से स्तन खोने का मानसिक आघात घटता है। यह प्रक्रिया शुरुआती चरण के कैंसर मरीज़ों के लिए विशेष रूप से लाभदायक है, जहाँ ट्यूमर निप्पल से दूर और त्वचा अप्रभावित होती है।
🎯 किन मरीज़ों के लिए उपयुक्त?
- शुरुआती चरण के स्तन कैंसर मरीज़
- जिनका ट्यूमर निप्पल से दूर हो और त्वचा अप्रभावित हो
- जो तेज़ रिकवरी और कम दर्द की अपेक्षा रखते हैं
- जिनके लिए सौंदर्य और आत्म-सम्मान भी उपचार का अहम हिस्सा है
इस अभिनव तकनीक ने साबित किया है कि सही चिकित्सा और उन्नत तकनीक से न सिर्फ जीवन बचाया जा सकता है, बल्कि आत्म-सम्मान और जीवन की गुणवत्ता भी कायम रखी जा सकती है।
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