अन्नदाता परेशान, मगर खुशहाल हो रहे बेईमान

तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : किसी भी समाज में अन्नदाता के परेशान और बेईमानों के खुशहाल होते जाने को देश के नैतिक पतन के रुप में देखा जाना चाहिए। हमें ऐसी परिस्थिति नहीं चाहिए। खड़गपुर के इंदा में किसानों के समर्थन में आयोजित धरना प्रदर्शन में यह बात वक्ताओं ने कही। वाममोर्चा की ओर से आयोजित इस धरने में किसान बचाओ , देश बचाओ तथा संविधान बचाओ का नारा प्रमुखता से बुलंद किया। इस अवसर पर भाकपा के अतनु दास व विजय पाल, माकपा के अनित बरण मंडल और सबुज घोड़ाई तथा एटक के दुलाल दास समेत बड़ी संख्या में नेता व कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि देश की राजधानी दिल्ली में पिछले कई दिनों से किसान कड़ाके की ठंड में आंदोलन कर रहे हैं , लेकिन केंद्र सरकार के कानों में जूं नहीं रेंग रही। यह संवेदनहीनता की हद है । आश्चर्य है कि इसके बावजूद भाजपा खुद को किसान हितैषी बताने का कोई मौका नहीं छोड़ती । दूसरी ओर चंद लोगों की संपत्ति लगातार बढ़ते जाना आखिर क्या साबित करता है । क्या सरकारें इसीलिए बनाई जाती है । हमें अन्नदाता किसानो की हर समस्या का निस्तारण चाहिए। वर्ना बड़े स्तर पर आंदोलन होगा।

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