आरएन टैगोर अस्पताल में 73 वर्षीय महिला की कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक के बाद एंजियोप्लास्टी ने बचाई जान

कोलकाता। 73 वर्षीय महिला, जिनकी लंबे समय से शुगर और उच्च रक्तचाप की समस्या थी, उन्हें तीन घंटे से अधिक समय तक गहरी छाती में दर्द और अत्यधिक पसीना आने के बाद मुकुंदपुर नारायणा आरएन टैगोर अस्पताल लाया गया। अस्पताल पहुंचने पर, तत्काल किए गए ईसीजी में गंभीर असामान्यता पाई गई और यह एक विशाल हार्ट अटैक के संकेत थे, जिसके कारण रक्तचाप अत्यधिक कम हो गया था, अस्पताल की अत्याधुनिक आपातकालीन प्रतिक्रिया क्षमता और विशेषज्ञों की टीम की तत्परता से महिला को तुरंत जीवन रक्षक उपचार दिया गया।

मुकुंदपुर स्थित नारायणा अस्पताल, आरएन टैगोर अस्पताल के कार्डियोलॉजी (एडल्ट), कंसल्टेंट डॉ. देबदत्त मजूमदार ने कहा ईकोकार्डियोग्राम में यह पाया गया कि दिल की पंपिंग क्षमता 30% तक कम हो गई थी, जो सामान्य 60-65% से बहुत कम थी। हम तुरंत इमरजेंसी एंजियोप्लास्टी की योजना बनाते हुए तैयारी कर रहे थे, लेकिन उससे पहले ही मरीज को अचानक कार्डियक अरेस्ट हो गया। अस्पताल की आपातकालीन टीम ने तुरंत एसीएलएस प्रोटोकॉल के तहत जीवन रक्षक शॉक दिया, जिससे उसका हार्ट रिदम बहाल हो गया।

महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए, आरएन टैगोर अस्पताल की मेडिकल टीम ने मरीज को इंट्रा-ऑर्टिक बैलून पंप (आईएबीपी) पर रखा, जिससे उसकी स्थिति को स्थिर किया गया, और फिर उसे कैथेटराइजेशन लैब में भेजा गया। दस मिनट के भीतर, एंजियोग्राम में दिल की मुख्य धारा (एलएडी) में 100% रुकावट का पता चला। डॉक्टर्स ने 30 मिनट के भीतर सफल एंजियोप्लास्टी की, जिससे रुकावट खुल गई और मरीज की स्थिति में सुधार हुआ।

डॉ. मजूमदार ने कहा, यह मामला जीवन-धाती स्थितियों में त्वरित और समन्वित देखभाल की आवश्यकता को रेखांकित करता है। मरीज ने विशाल हार्ट अटैक और अस्पताल में कार्डियक अरेस्ट का सामना किया था। हमारे आपातकालीन टीम की त्वरित प्रतिक्रिया, नारायणा अस्पताल की अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और आईएबीपी सपोर्ट का समय पर उपयोग करके हम ने एंजियोप्लास्टी के लिए महत्वपूर्ण समय अर्जित किया, जिसने अंततः उसकी जान बचाई।”

सर्जरी के बाद, मरीज का रक्तचाप स्थिर हो गया और उसे क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) में शिफ्ट किया गया, जहां वह सुधार दिखाने लगी। अगले दिन आईएबीपी सपोर्ट हटा दिया गया और सीसीयू में तीन दिनों के बाद, दो और दिनों तक अस्पताल के वार्ड में रहकर वह स्थिर स्थिति में डिस्चार्ज हो गईं।

नारायणा हेल्थ के सीओओ, आर. वेन्कटेश ने कहा, “त्वरित जीवन रक्षक हस्तक्षेप और शानदार रिकवरी ने हमारे अस्पताल की अपूर्व मरीज देखभाल के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया। हमारी टीम की विशेषज्ञता और अनुभव, साथ ही अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी ने सबसे जटिल और गंभीर मामलों में भी सर्वोत्तम क्लिनिकल परिणाम सुनिश्चित किए।’

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