कोलकाता, (Kolkata) : पश्चिम बंगाल में 2026 विधानसभा चुनाव से पहले सियासी पारा चढ़ने लगा है। काकद्वीप विधानसभा क्षेत्र से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच टकराव को और तेज कर दिया है।
दरअसल, बांग्लादेश में 2024 के छात्र आंदोलन से जुड़े न्यूटन दास का नाम भारत की वोटर लिस्ट में पाया गया है। यह मामला सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है।
- बांग्लादेशी छात्र वोटर लिस्ट में कैसे?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, न्यूटन दास नामक व्यक्ति, जो बांग्लादेश में एक छात्र आंदोलन से जुड़ा रहा है, उसका नाम पश्चिम बंगाल की वोटर लिस्ट में पाया गया है। यह सवाल उठने लगा है कि क्या घुसपैठिए आसानी से भारत की राजनीतिक व्यवस्था में शामिल हो सकते हैं?
इस घटना को लेकर विपक्षी दल भाजपा ने टीएमसी सरकार पर निशाना साधा है, तो वहीं टीएमसी ने इसके जवाब में केंद्र सरकार और बीएसएफ को कठघरे में खड़ा कर दिया है।
- ‘बीएसएफ का फेल्योर’
टीएमसी नेता कुणाल घोष ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “इसमें कोई विवाद नहीं है। अगर कुछ गलत है तो प्रशासन जांच कर उचित कार्रवाई करेगा। लेकिन असली सवाल यह है कि ये लोग बांग्लादेश से भारत में घुस कैसे आते हैं?
यह काम बीएसएफ का है जो गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है। जब त्रिपुरा जैसे भाजपा शासित राज्यों से म्यांमार और बांग्लादेशी घुसपैठिए पकड़े जाते हैं, तो वह कौन जिम्मेदार है?”
घोष ने सीधा केंद्र सरकार की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े किए और कहा कि अगर घुसपैठ हो रही है, तो उसके लिए राज्य सरकार नहीं, बल्कि बीएसएफ और गृह मंत्रालय जिम्मेदार हैं।
इस मुद्दे के साथ-साथ भाजपा ने बंगाल की कानून व्यवस्था को लेकर भी ममता सरकार पर निशाना साधा। कोलकाता में एक विजय संकल्प कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा: “बंगाल में चुनावों के दौरान और चुनाव जीतने के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या की गई। बाकी देश में चुनावों के दौरान हिंसा बंद हो चुकी है, लेकिन बंगाल में यह आज भी जारी है। आप हिंसा करने वालों को कब तक बचाते रहेंगे? बंगाल की जनता परिवर्तन चाहती है और हमें पूरा भरोसा है कि 2026 में भाजपा की सरकार बनेगी।”
- टीएमसी का दावा: 2026 में फिर से जीतेंगे
इस बयान पर पलटवार करते हुए कुणाल घोष ने कहा कि भाजपा बार-बार एक ही रट लगा रही है लेकिन सच्चाई यह है कि जनता ने पहले भी उन्हें नकारा और आगे भी नकारेगी। “2021 में भाजपा ने 200 से ज्यादा बयानबाजी की, लेकिन उन्हें केवल 77 सीटें मिलीं।
अब यह घटकर करीब 60 रह गई हैं। पंचायत चुनावों में टीएमसी ने हर जिला परिषद में जीत हासिल की है। 2026 में हम कम से कम 250 सीटें जीतेंगे और ममता बनर्जी चौथी बार मुख्यमंत्री बनेंगी।”
- घुसपैठ बनाम प्रशासनिक विफलता
इस पूरे विवाद का मूल मुद्दा यह है कि क्या घुसपैठ एक प्रशासनिक विफलता है या राजनीतिक हथियार? भाजपा इसे बंगाल सरकार की लापरवाही बता रही है, वहीं टीएमसी इसका ठीकरा केंद्र और बीएसएफ पर फोड़ रही है। इससे पहले भी कई बार बंगाल-सीमा विवाद, बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र और राज्य सरकार के बीच टकराव की खबरें सामने आ चुकी हैं।
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