राजीव कुमार झा की कविता : नदी की उदासी
।।नदी की उदासी।। राजीव कुमार झा सबकी ख्वाहिशों को लेकर आज मन में धूप भर
अभिनन्दन श्री राम आपका, राम! आपका अभिनन्दन!!
अभिनन्दन श्री राम आपका, राम! आपका अभिनन्दन!! करबद्ध निवेदन है राघव! स्वीकार करें पूजन वन्दन
राजीव कुमार झा की कविता : मनमीत
।।मनमीत।। राजीव कुमार झा जो मनमीत बनेंगे अपने दिल की बातें कहां सुनेंगे सब उसको
डीपी सिंह की रचनाएं
सूरत ने निपटा दिया, दावेदार-नरेश गठबन्धन का कट गया, आज राहु का क्लेश आज राहु
भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के शहादत दिवस पर विशेष : कविता – इंकलाब जिंदाबाद
।।इंकलाब जिंदाबाद।। राजीव कुमार झा ब्रिटिश शासन का नाश हो भारत में जनता का राज
राजीव कुमार झा की कविता : डगरिया
।।डगरिया।। राजीव कुमार झा बीत गयी सारी उमरिया चलती रहती हवा संग तुम वही डगरिया
राजीव कुमार झा की कविता : दुपहरी
।।दुपहरी।। राजीव कुमार झा हम कभी केवल अपने साथ जब होते कुछ पल ही सही
राजीव कुमार झा की कविता : बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
।।बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ।। राजीव कुमार झा जीवन की राह पर इनको भी आगे बढ़ाओ
भावनानी के भाव : थम जाता संसार अगर ना होती बेटियां
।।थम जाता संसार अगर ना होती बेटियां।। किशन सनमुखदास भावनानी घर की जान होती है
राजीव कुमार झा की कविता : चांद का सफर
।।चांद का सफर।। राजीव कुमार झा इस उम्र में आकर अब जीवन कितने सालों के