डीपी सिंह की कुण्डलिया

बाहर से आती अगर, कोरोना वैक्सीन।
अरबों का होता यहाँ, हेर-फेर का सीन।।
हेर-फेर का सीन, स्वदेशी क्यों बनवानी?
“बीजेपी वैक्सीन”, नहीं हमको लगवानी।।
टोंटी भैया एक कर रहे धरती अम्बर।
पप्पू जी नाराज़, फिर रहे अन्दर-बाहर।।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nine − one =