कोलकाता : सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन द्वारा आयोजित 26वें हिंदी मेले का ऑडिशन प्रक्रिया कई चरणों में चल रहा है। कोरोना वैश्विक महामारी के कारण मेले का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से हो रहा है।ऑडिशन के पहले और दूसरे चरण में काव्य आवृत्ति, आशु भाषण और वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।इन प्रतियोगिताओं के ऑडिशन में देश के विभिन्न राज्यों जैसे- पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, केरल, मध्य प्रदेश, गुजरात के अलावा विदेश (कनाडा, मॉरीशस) से लगभग 950 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। काव्य आवृत्ति ‘शिशु’ वर्ग, ‘अ’ वर्ग, ‘क’ वर्ग के ऑडिशन को सफल बनाने में निर्णायक के रूप में डॉ विवेक सिंह, प्रो. अल्पना नायक, रामकेश सिंह, प्रो.रेणु गुप्ता, नागेंद्र पंडित और नीलम प्रसाद ने अपना बहुमूल्य समय दिया ।काव्य आवृत्ति का सफल संचालन मनीषा गुप्ता, पूजा सिंह, राजेश सिंह, नैना प्रसाद, गायत्री वाल्मीकि, सूर्य देव राय तथा धन्यवाद ज्ञापन सौमित्र आनंद ने दिया।
आशु भाषण ‘अ’ और ‘क’ वर्ग के ऑडिशन में निर्णायक के रूप में प्रो. गीता दूबे, एन. चन्द्र राव, रंजीत कुमार संकल्प, प्रो. नीरज शर्मा उपस्थित थे।आशु भाषण के अंतर्गत ‘सड़क पर किसान’, ‘विज्ञापन और हिंदी भाषा’, ‘सिनेमा का समाज पर प्रभाव’, ‘धार्मिक कट्टरता बनाम मानवता’ आदि जैसे समसामयिक विषयों पर देश-विदेश के प्रतिभागियों ने अपनी प्रस्तुति दी।डॉ गीता दुबे ने कहा कि हिंदी मेला का यह आयोजन भीषण भय के बीच उल्लास और सृजन का अभियान है। कार्यक्रम का सफल संचालन नागेंद्र पंडित, साक्षी झा, प्रीति साव ने किया। वाद-विवाद वर्ग ‘अ’ और वर्ग ‘क’ के ऑडिशन में निर्णायक की भूमिका में प्रीति सिंघी, कलावती कुमारी, गुलनाज़ बेग़म, गौतम लामा ने अपना योगदान दिया और ऑडिशन का संचालन उत्तम कुमार और विकास जायसवाल ने किया।
इस अवसर पर भारतीय भाषा परिषद के निदेशक शंभुनाथ ने कहा – “यह युवाओं का मेला है। वर्चुअल माध्यम से मेला राज्य के बाहर निकल कर देश और विदेश के विभिन्न संस्थानों तक पहुँचा है। यह हमारे लिए गर्व का विषय है।”।धन्यवाद ज्ञापन देते हुए संस्था के संयुक्त महासचिव संजय जायसवाल ने कहा हिंदी मेला बच्चों -नौजवानों को रचनात्मक मंच प्रदान करने के साथ सांस्कृतिक आंदोलन की जमीन तैयार कर रहा है।