महिला के मकान पर कब्जा कर दबंगों ने बनाया मंदिर का चबूतरा
कोलकाता : राज्य में महिलाओं की सुरक्षा का दावा करने वाली महिला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राज में ही महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है। इसका एक उदाहरण मुर्शिदाबाद जिले में देखने को मिला। मंदिर के चबूतरे का निर्माण कर दिया। सूचना के बावजूद पुलिस निष्क्रिय बनी रही। पीडित महिला ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र भेजकर न्याय दिलाने की गुहार की मगर शासन व प्रशासन की ओर से पीडिता को कोई मदद नहीं मिली।
सूत्रों के अनुसार मुर्शिदाबाद जिला अंतर्गत अजीमगंज के ग्राम फतेहजंगपुर निवासी संगीता प्रसाद पुत्री स्वर्गीय नारायण प्रसाद का जियागंज के अजीमगंज नगर पालिका अंतर्गत तमालतल्ला में मकान है, जो लंबे समय से खाली पडा था। आरोप है कि तृणमूल के पालिका चेयरमैन प्रसेनजित घोष की शह पर पार्टी के दबंगों ने रातों रात मकान पर कब्जा कर लिया। खासबात यह है कि उक्त मकान अजीमगंज पुलिस चौकी से मात्र 200 मीटर की दूरी पर स्थित है। आरोप है कि तृणमूल समर्थित दबंगों ने मकान पर कब्जा करने के बाद मंदिर के चबूतरे का भी निर्माण कर दिया। सूचना पर पहुंची पीडित महिला ने जब इसका विरोध किया तो दबंगों के साथ उसकी झडप भी हुई। पीडिता द्वारा घटना की सूचना दिए जाने के बावजूद सत्ताधारी पार्टी के दबाव में पुलिस भी निश्क्रिय बनी रही।
पीडिता ने मुर्शिदाबाद के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को घटना से अवगत कराने के बाद 31 मई को जियागंज थाने में पालिका चेयरमैन के भाई विश्वघजीत घोष, अरिजीत साहा, तारा शंकर साहा, बापी साव समेत अन्य के खिलाफ तहरीर दी। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ आइपीसी की धारा 448, 323, 324, 354 समेत अन्यी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। आरोप है कि थाना प्रभारी मनोज वैध और तत्कालीन एसडीपीओ वरूण वैध की मिलीभगत के चलते दबंगों को कोर्ट से जमानत भी मिल गई। इसके बाद आरोपितों ने पुलिस की शह पर मुकदमा वापस लेने के लिए पीडिता को धमकाना शुरू कर दिया।
उधर, पुलिस की कार्यप्रणाली से आहत पीडित महिला ने बीते 6 अगस्त को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र भेजकर न्या्य दिलाने की गुहार लगाई लेकिन सीएम की ओर से महिला को कोई मदद नहीं मिली। इसके बाद पीडित महिला ने तीन नबंवर को राज्यपाल जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र भेजकर न्याय दिलाने की गुहार लगाई है।