यादों की दराज़ से (2) : प्राण थे हीरो, इसलिए किशोर कुमार ने नहीं गाया गाना

# कसमें वादे प्यार वफा सब … #
आज मैं उस गाने की बात करूंगा जिसे हम मन्ना दे की आवाज में सुनते हैं, जिसके बोल हैं – ‘कसमें वादे प्यार वफ़ा सब बातें हैं, बातों का क्या …’ ।
दरअसल मनोज कुमार द्वारा निर्मित और निर्देशित फिल्म ‘उपकार’ (1967) के इस गाने को संगीतकार कल्याणजी आनंदजी किशोर कुमार से गंवाना चाहते थे। पर किशोर कुमार ने इस गाने को इसलिए गाने से मना कर दिया क्योंकि पर्दे पर इसे अभिनेता प्राण गाने वाले थे, गाना उन पर फिल्माया जाने वाला था। और प्राण की छवि ‘उपकार’ के पहले तक खलनायक की थी। इसलिए उन्हें लगा कि एक बुरे चरित्र की छवि रखने वाले पात्र द्वारा गाएं जाने वाला उनका गाना चलेगा नहीं, सफल नहीं होगा। ये किशोर कुमार का अनुमान था। इस तरह यह गाना मन्ना दे के हिस्से आया। और गाना कितना सफल रहा है हम सब जानते हैं। इतना अर्थपूर्ण फिल्मी गाना बहुत कम ही है जो जिंदगी के दर्शन को बेबाकी से बयां करते हैं।
सुनिएगा कभी समय निकाल कर तीनों अंतरों में गीतकार इंदीवर ने रिश्ते-नाते, समाज-धर्म के अंदरूनी परतों को कितने सरल शब्दों की मदद से उधेड़ कर रख दिया है। बहरहाल, बाद में किशोर कुमार ने मन्ना दे को इस गाने के लिए बधाई दी।
अच्छा तो अब विदा लेता हूं। व्यस्त रहें, स्वस्थ रहें।

श्याम कुमार राई ‘सलुवावाला’

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