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डिजिटल विज्ञापन नीति 2023 को मंजूरी मिली – निजी साइट और एप दायरे में आएंगे

-भारत में इंटरनेट सोशल और डिजिटल मीडिया से जुड़े यूजर्स के लिए डिजिटल विज्ञापन नीति 2023 मील का पत्थर साबित होगी
-डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के बढ़ते दौर में उसके दुष्परिणामों से आम नागरिकों को बचाने के लिए सरकार का बड़ा कदम – एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया

किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर दुनियां के सभी देश आज डिजिटलाइजेशन के दौर में आधुनिकता की ओर बढ़ रहे हैं और इंटरनेट सोशल और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से जुड़ने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है इसीलिए सरकारों का कर्तव्य है किश्रोताओं की बढ़ती संख्या को लाभ उठाने और उन्हें इसमें इसके दुष्परिणामों से बचने के लिए कुछ कानून नियम विनियम इत्यादि बने।चूंकि इसी कड़ी में भारत सरकार ने दिनांक 10 नवंबर 2023 को केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्रालय ने डिजिटल विज्ञापन नीति 2023 को मंजूरी दी है, इसलिए आज हम मीडिया व पीआईबी में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के बढ़ते दौर में उसके दुष्परिणामों से आम नागरिकों को बचाने के लिए सरकार का बड़ा कदम, डिजिटल विज्ञापन नीति 2023 है।

साथियों बात अगर हम केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा डिजिटल विज्ञापन नीति 2023 को मंजूरी प्रदान करने की करें तो, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने केंद्रीय संचार ब्यूरो को सक्षम और सशक्त बनाने के लिए एक अग्रणी डिजिटल विज्ञापन नीति, 2023 को स्वीकृति दे दी है। केन्द्रीय संचार ब्यूरो डिजिटल मीडिया क्षेत्र में अभियानों का संचालन करने के लिए भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण विज्ञापन विंग है। यह नीति उभरते मीडिया परिदृश्य और मीडिया उपयोग के बढ़ते डिजिटलीकरण के परिप्रेक्ष्य में भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों और नीतियों के बारे में जानकारी प्रसारित करने एवं जागरूकता जगाने के सीबीसी के मिशन में एक महत्वपूर्ण अभियान को चिह्नित करती है। बता दें कि इससे सरकार की डिजिटल पहुंच तक दायरा बढ़ाने और नागरिकों तक सूचना पहुंचाने के तंत्र में सुधार की सम्भावना है। अभी तक सरकार के सभी मंत्रालय और विभागो के अलग-अलग सोशल मीडिया हैंडल हैं। नई नीति के अमल में आ जाने से इनकी पहुंच भी बढ़ जाएगी। यह नीति सीबीसी को ओटीटी और वीडियो ऑन डिमांड स्पेस में एजेंसियों और संगठनों को सूचीबद्ध करने में सक्षम बनाएगी। सीबीसी, डिजिटल ऑडियो प्लेटफार्मों के पैनल के माध्यम से पॉडकास्ट और डिजिटल ऑडियो प्लेटफार्मों पर श्रोताओं की बढ़ती संख्या का लाभ उठाने में भी सक्षम होगा। इंटरनेट वेबसाइटों को सूचीबद्ध करने की अपनी प्रक्रिया को तर्कसंगत बनाने के अलावा, सीबीसी अब प्रथम बार अपने सार्वजनिक सेवा अभियान संदेशों को मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से भी प्रसारित करने में सक्षम होगा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सार्वजनिक वार्तालाप के लोकप्रिय चैनलों में से एक बनने के साथ, यह नीति उस प्रक्रिया को और सुव्यवस्थित करती है जिसके माध्यम से सीबीसी इन प्लेटफार्मों पर सरकारी ग्राहकों के लिए विज्ञापन दे सकता है। यह नीति सीबीसी को विभिन्न प्लेटफार्मों के माध्यम से अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए डिजिटल मीडिया एजेंसियों को सूचीबद्ध करने का भी अधिकार प्रदान करती है। यह नीति डिजिटल यूनिवर्स में विशाल ग्राहक आधार, डिजिटल विज्ञापनों के माध्यम से प्रौद्योगिकी सक्षम संदेश विकल्पों के साथ मिलकर लक्षित तरीके से नागरिक केंद्रित संदेशों को प्रभावी तरीके से उपलब्ध कराने की सुविधा प्रदान करेगी। जिसके परिणाम स्वरूप सार्वजनिक उन्मुख अभियानों में लागत दक्षता भी लाई जा सकेगी। हाल के वर्षों में, दर्शकों के मीडिया उपयोग को देखते हुए इसमें डिजिटल क्षेत्र की ओर एक महत्वपूर्ण बदलाव देखा गया है। भारत सरकार के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के परिणामस्वरूप, देशभर में इंटरनेट, सोशल और डिजिटल मीडिया प्लेटफार्मों से जुड़ने वाले लोगों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि हुई है। ट्राई के भारतीय दूरसंचार सेवा प्रदर्शन संकेतक जनवरी-मार्च 2023 के अनुसार, मार्च 2023 तक भारत में इंटरनेट की पहुंच 880 मिलियन से अधिक है और मार्च 2023 तक दूरसंचार ग्राहकों की संख्या 1172 मिलियन से अधिक है।

साथियों बात अगर हम पारदर्शी और दक्षता को सुनिश्चित करने की करें तो, यह नीति डिजिटल परिदृश्य की गतिशील स्थिति को समझते हुए सीबीसी को विधिवत गठित समिति की स्वीकृति के साथ डिजिटल स्पेस में नए और अभिनव संचार प्लेटफार्मों में शामिल होने का अधिकार प्रदान करती है। सीबीसी की डिजिटल विज्ञापन नीति, 2023, पारदर्शिता और दक्षता को सुनिश्चित करने के साथ लागत के लिए प्रतिस्पर्धी बोली जैसी विशेषता भी प्रदान करती है। इस प्रक्रिया के माध्यम से चिन्हित की गई दरे तीन वर्ष तक वैध रहेंगी और सभी पात्र एजेंसियों पर लागू होंगी। आज के युग में भारत सरकार के लगभग सभी मंत्रालयों/विभागों के पास एक समर्पित सोशल मीडिया हैंडल हैं, जिनके माध्यम से व्यापक स्तर पर इन्फोग्राफिक्स और वीडियो तैयार किए जाते हैं और इनकी पहुंच हैंडल के ग्राहकों तक ही सीमित है। सरकारी मंत्रालयों और विभागों की इस पहुंच को सूचना और प्रसारण मंत्रालय की मीडिया इकाई, केंद्रीय संचार ब्यूरो द्वारा सभी प्रकार के मीडिया के माध्यम से विज्ञापन जारी करने के लिए नामित संगठन तक बढ़ाया जाएगा। डिजिटल विज्ञापन नीति 2023 कई हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद तैयार की गई है और यह भारत सरकार की डिजिटल पहुँच को बढ़ाने और नागरिकों तक सूचना-प्रसार में सुधार के प्रारूप की रूपरेखा तैयार करती है। बता दें कि सीबीसी, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत काम करता है और भारत में विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों, योजनाओं और नीतियों के बारे में जागरूकता जगाने और जानकारी प्रसारित करने का दायित्व संभालता है। सीबीसी बदलते मीडिया परिदृश्य को अपनाने और व्यापक दर्शकों तक पहुंच बनाने के लिए नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि डिजिटल विज्ञापन नीति 2023 को मंजूरी मिली – निजी साइट और एप दायरे में आएंगे। भारत में इंटरनेट सोशल और डिजिटल मीडिया से जुड़े यूजर्स के लिए डिजिटल विज्ञापन नीति 2023 मील का पत्थर साबित होगी। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के बढ़ते दौर में उसके दुष्टपरिणामों से आम नागरिकों को बचाने के लिए सरकार का बड़ा कदम है।

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एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

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