कोलकाता। ईडी (ED) ने आरोप लगाया कि यूआरओ (uro) समूह की कंपनियों (companies) ने एजेंटों के नेटवर्क के माध्यम से भारी भरकम रिटर्न (full return) का वादा कर निवेशकों से 200 करोड़ रुपये से अधिक एकत्र किए हैं। ईडी की जांच से पता चला है कि अपराध (Crime) की आय का उपयोग प्रमोटरों और सहयोगियों द्वारा चल और अचल संपत्तियों (fixed assets) के अधिग्रहण के लिए किया गया है।
पश्चिम बंगाल में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 200 करोड़ रुपये के चिटफंड मामले में यूआरओ ग्रुप के प्रमोटर और निदेशक विश्वप्रिय गिरी को गिरफ्तार किया है। ईडी ने CBI द्वारा विश्वप्रिया गिरि और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात, जालसाजी, आपराधिक साजिश रचने को लेकर दर्ज एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की थी।
ईडी ने आरोप लगाया कि यूआरओ समूह की कंपनियों ने एजेंटों के नेटवर्क के माध्यम से भारी भरकम रिटर्न का वादा कर निवेशकों से 200 करोड़ रुपये से अधिक एकत्र किए हैं। ये ग्रुप कृषि उद्योग, लाइफकेयर, होटल और रिसॉर्ट्स, इन्फोटेक, ऑटोमोटिव और रियल एस्टेट जैसे विभिन्न व्यवसायों में शामिल है।
निवेशकों से पैसा प्राप्त करने के बाद ग्रुप ने मेच्योरिटी अमाउंड के पुनर्भुगतान में चूक कर दी। ईडी ने 18 और 19 अगस्त को तीन स्थानों पर एक तलाशी अभियान चलाया गया था, जिसमें अधिकारियों ने निवेशकों से पैसा जमा करने और उसे ठिकाने लगाने से संबंधित सबूत बरामद किए और जब्त किए थे।
प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने कहा कि ईडी की जांच से पता चला है कि अपराध की आय का उपयोग प्रमोटरों और सहयोगियों द्वारा चल और अचल संपत्तियों के अधिग्रहण के लिए किया गया है और इस अवैध व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए प्रचार और विज्ञापन में भी बड़ी मात्रा में धन का इस्तेमाल किया गया था। विश्वप्रिय गिरी को कोलकाता की एक अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें 1 सितंबर, 2023 तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया है।