भावनानी के भाव : युवाओं में एक मंत्र की अति जरूरत है

।।युवाओं में एक मंत्र की अति जरूरत है।।
किशन सनमुखदास भावनानी

साझा करना और देखभाल करना
भारतीय दर्शन के मूल तत्व हैं
भारतीय संस्कृति में इनका महत्व है
युवाओं में इस मंत्र की अति जरूरत है

साझा करने से समस्या का हल निकलता है
मन का बोझ हल्का होता है
साझा करने की प्रवृत्ति में सरलता है
खुदकुशी के बचाव में मिलती सफलता है

खुद परिवार और बुजुर्गों की
देख़भाल करना भी अत्यंत जरूरी है
डिजिटल उपकरणों में दिनभर खोए रहना
रिश्तो में होती असहनीय दूरी है

साझा करना देखभाल करना
दोनों बहुत जीवन में जरूरी है
दोनों से रचनात्मकता और मौलिक सोच
भारतीय संस्कृति कूट-कूट कर भरी है

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

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