कोलकाता/नयी दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने कांग्रेस की बीजेपी और सीपीएम के साथ मिलीभगत करार देते हुए, कांग्रेस नेताओं द्वारा बुलाई गई बैठकों में शामिल न होने का ऐलान किया है। टीएमसी सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने बुधवार को कहा, हम किसी अन्य विरोध प्रदर्शन में भाग नहीं ले रहे हैं। टीएमसी संसद में अपने ही मुद्दों और एजेंडे पर विरोध करेगी। हमारे राज्य में, कांग्रेस की पूरी तरह से भाजपा और सीपीएम के साथ मिलीभगत है, इसलिए हम कांग्रेस नेताओं द्वारा बुलाई गई बैठकों में हाथ नहीं मिला सकते।
इससे पहले मंगलवार को कांग्रेस से दूरी बनाते हुए अडानी मुद्दे पर संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास टीएमसी सांसदों ने अकेले ही विरोध प्रदर्शन किया। वहीं संसद सत्र के दौरान कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार और मंगलवार को विपक्षी दलों की जो बैठक बुलाई उसमें भी टीएमसी सांसद और प्रतिनिधि शामिल नहीं हुए। हालांकि टीएमसी को छोड़कर इस बैठक में 17 दलों के नेताओं ने भाग लिया था।
दूसरी ओर, टीएमसी सांसदों ने मंगलवार को संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने अडानी के मुद्दे पर प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। टीएमसी के सांसद में एलआईसी के अडानी में निवेश करने के मुद्दे को लगातार उठा रहे हैं लेकिन कांग्रेस व अन्य दलों से दूरी बनाते हुए। दरअसल तृणमूल नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दस दिन पहले सागरदिघी विधानसभा सीट हारने के बाद कांग्रेस और भाजपा के बीच ‘दुर्भाग्यपूर्ण सांठगांठ’ की बात कही थी।