कोलकाता। दिल्ली में आगामी गणतंत्र दिवस परेड से बंगाल की झांकी को बाहर करने का मुद्दा गरमा गया है। स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान पर आधारित पश्चिम बंगाल की झांकी को नहीं लेने के केंद्र सरकार के फैसले पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हैरानी जताई है। ममता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर इस निर्णय पर फिर से विचार करने की अपील की है।ममता बनर्जी ने खत में लिखा है कि राज्य के लोगों को इस कदम से पीड़ा होगी।
बनर्जी ने यह भी कहा कि झांकी को खारिज करने का कोई कारण नहीं बताया गया। सीएम ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को लिखे दो पन्नों के खत में कहा, ‘मैं भारत सरकार के आगामी गणतंत्र दिवस परेड से पश्चिम बंगाल सरकार की प्रस्तावित झांकी को अचानक बाहर करने के निर्णय से स्तब्ध और आहत हूं। यह हमारे लिए और भी चौंकाने वाली बात है कि झांकी को बिना कोई कारण या औचित्य बताए खारिज कर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित झांकी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती वर्ष पर उनके और आजाद हिन्द फौज के योगदान की स्मृति में बनाई गई थी। बनर्जी ने पत्र में कहा, ‘मैं आपको सूचित करना चाहती हूं कि पश्चिम बंगाल के लोग केंद्र सरकार के इस रवैये से बहुत आहत हैं। यह जानकर हैरानी होती है कि यहां के बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को स्वतंत्रता के 75वें वर्ष पर गणतंत्र दिवस समारोह में इस अवसर को मनाने के लिए कोई जगह नहीं मिली है।
ममता ने पीएम मोदी को लिखे खत में कहा, ‘मैं आपसे इस निर्णय पर पुनर्विचार करने और स्वतंत्रता के 75वें वर्ष पर गणतंत्र दिवस परेड में बंगाल के स्वतंत्रता सेनानियों की झांकी को शामिल कराने का आग्रह करती हूं।’ बता दें कि ममता के अलावा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भी केंद्र सरकार से बंगाल की झांकी को परेड में शामिल करने का अनुरोध किया है। उन्होंने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है। बंगाल की झांकी को गणतंत्र दिवस समारोह से क्यों हटा दिया गया, अब इसे लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।