कुण्डलिया
कांग्रेस पर है “राहु” की, वक्री दशा विशेष
“सिंह” राशि में कर गये, “गुरु” घण्टाल प्रवेष
“गुरु” घण्टाल प्रवेष, क्लेश है तब से घर में
बिल्ली लड़ती देख, ख़ुशी है इक बन्दर में
आते देख चुनाव, गधे हैं लगे रेस पर
घोड़े खाते ताव, बैठ कर कांग्रेस पर
डीपी सिंह