मुंबई। प्रमुख वाहन कंपनियों हुंदै तथा होंडा कार्स को उम्मीद है कि बाजार स्थिति में सुधार के बाद त्योहारी सीजन में कारों की मांग मजबूत रहेगी। इन कंपनियों ने कहा कि ज्यादातर राज्यों में कोविड-19 की वजह से लागू अंकुश अब हट गए हैं। ऐसे में कार कंपनियों के लिए त्योहारी सीजन अच्छा रहने की उम्मीद है। इन कंपनियों का कहना है कि महामारी की वजह से अब ज्यादा से ज्यादा ग्राहक अपना निजी वाहन खरीदना चाहते हैं। ऐसे में व्यस्त त्योहारी सीजन के दौरान बिक्री जोरदार रहने की उम्मीद है।
वाहन कंपनियों का मानना है कि आगे चलकर क्षेत्र के समक्ष सेमीकंडक्टर की कमी की वजह से आपूर्ति की चुनौती आ सकती है। इसके अलावा महामारी की तीसरी लहर भी वाहन क्षेत्र को पटरी से उतार सकती है। हुंदै मोटर इंडिया के निदेशक (बिक्री, विपणन एवं सेवा) तरुण गर्ग ने कहा, ‘‘मांग की स्थिति अच्छी है। व्यक्तिगत वाहन खरीदने की इच्छा की वजह से देशभर में विभिन्न उत्पाद श्रेणियों में मांग अच्छी है। त्योहारी सीजन को लेकर माहौल अच्छा नजर आ रहा है।’’
इसी तरह की राय जताते हुए होंडा कार्स इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं निदेशक (विपणन एवं बिक्री) राजेश गोयल ने कहा कि कोविड-19 अंकुश हटने के बाद से बाजार धारणा सुधरी है। ‘‘पिछले कुछ माह के दौरान उद्योग की बिक्री के आंकड़े में सुधार शुरुआती अनुमानों से बेहतर रहा है,जो एक अच्छी चीज है। यही रुख त्योहारों के दौरान भी जारी रहने की उम्मीद है। त्योहारी सीजन की शुरुआत दक्षिण भारत में ओणम से हुई है। अब उत्साह का यह माहौल देश के अन्य बाजारों में देखने को मिल रहा है।’’
गोयल ने कहा कि उद्योग की ओर से कुछ नए मॉडल उतारने की तैयारी है। इससे बेहतर बिक्री का आंकड़ा हासिल करने में मदद मिलेगी। कंपनी की नई पेशकश कॉम्पैक्ट सेडान अमेज के नए संस्करण को विभिन्न बाजारों में अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। चिप की कमी के बारे में गर्ग ने कहा कि इससे उद्योग में अन्य कंपनियों के साथ हुंदै भी प्रभावित हुई है। कंपनी मौजूदा परिस्थितियों में अपने उत्पादन को बेहतर तरीके से प्रबंधित करने का प्रयास कर रही है।
‘‘हम वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा हैं। ऐसे में हमें भी इसी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।’’ गोयल ने भी आपूर्ति श्रृंखला की अड़चन को स्वीकार करते हुए कहा कि यह उद्योग के समक्ष बड़ा संकट है। उद्योग को मजबूत मांग के बीच आपूर्ति को पूरा करने की चुनौती से जूझना पड़ रहा है। हम भी चिप की कमी से जूझ रहे हैं लेकिन हम इसके प्रभाव को कम से कम रखने के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं।