#Bengal : तबादले के विरोध में जहर खाने वाली शिक्षिकाओं को शिक्षा मंत्री ने बताया भाजपा का कैडर

Kolkata Desk : मंगलवार को शिक्षा विभाग मुख्यालय विकाश भवन के सामने जहर खाने वाली पांच शिक्षिकाओं में से तीन की हालत गंभीर हो गई है, जबकि दो को सामान्य निगरानी में रखा गया है। बुधवार को शिक्षा विभाग मुख्यालय विकास भवन परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। तबादला रद्द करने, स्थायीकरण और वेतन में समानता की मांग पर मंगलवार को विकाश भवन के सामने शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु के मुलाकात नहीं करने से नाराज होकर जहर खाने वाली शिक्षिकाओं को शिक्षा मंत्री ने भाजपा का कैडर बताया है। उनके इस बयान के बाद हंगामा बढ़ने लगा है। शिक्षक संगठनों ने इसके खिलाफ आंदोलन की योजना बनाई है।

मंगलवार को जहर खाने वाली पांच शिक्षिकाओं में से तीन की हालत गंभीर हो गई है, जबकि दो को सामान्य निगरानी में रखा गया है। बुधवार को विकाश भवन की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस दौरान जब शिक्षा मंत्री पहुंचे तो इस घटना के बारे में उनसे पूछा गया तो उन्होंने इस बारे में बहुत कुछ कहने से इंकार कर दिया, लेकिन कहा कि जहर खाने वाली व आंदोलन करने वाले शिक्षक भाजपा के कैडर हैं।

पिछले कई सालों से लगातार शिक्षक राज्य में आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों को पूरा करने के संबंध में राज्य सरकार कोई कदम नहीं उठाती है। इसीलिए शिक्षकों का आंदोलन लगातार बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को शिक्षा मंत्री से मुलाकात करने के लिए पांच शिक्षिकाएं गई थीं, लेकिन मौजूद होने के बावजूद उन्होंने मुलाकात नहीं की जिसके बाद बाहर निकलकर शिक्षिकाओं ने जहर खा ली थी। अब समस्याओं के समाधान के बजाय शिक्षा मंत्री ने जहर खाने वाली शिक्षिकाओं को भाजपा का कैडर बताकर इस मामले से पल्ला झाड़ने की कोशिश की है।

शिक्षा मंत्री ने दावा किया कि शिक्षकों का मानदेय को बढ़ाकर 10,340 रुपये प्रति माह और सह सहायकों का मानदेय बढ़ाकर 13,390 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। इसके अलावा 3 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि या वेतन वृद्धि की शुरुआत की गई है। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनमें से प्रत्येक को स्वास्थ्य योजना के तहत लाया गया है। शिक्षा मंत्री ने दावा किया कि 60 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होने पर 3 लाख रुपये का एकमुश्त सेवानिवृत्ति भत्ता भी दिया जाएगा।

शिक्षकों को भविष्य निधि और मातृत्व अवकाश सुविधाएं प्रदान की जा रही है। इसके अलावा सभी को चिकित्सा सुविधा सहित 18 दिनों के वार्षिक आकस्मिक अवकाश दी गई है। उन्होंने कहा, ”इतनी सारी बातों के बाद भी जो लोग विरोध कर रहे हैं, वे शिक्षक नहीं, भाजपा के कार्यकर्ता हैं।”

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