ममता के सीएम पद पर लटक रही है तलवार? बंगाल में उप-चुनाव की मांग पर तृणमूल नेता चुनाव आयोग से मिलेंगे

Kolkata Desk : ममता के सीएम पद पर लटक रही है तलवार? पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले शुरू हुई सियासी घमासान अब भी जारी है और उम्मीद यही है कि यह 2024 के लोकसभा चुनाव तक जारी रहेगा। राज्य की सात विधानसभा सीटों पर उनचुनाव होने हैं। परंतु कोरोना के मद्देनजर चुनाव आयोग फिलहाल चुनाव कराने के मूड में नहीं दिख रहा और तृणमूल कानूनी बाध्यताओं की वजह से जल्द चुनाव की मांग कर रही है।

इसी मांग को लेकर तृणमूल कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को चुनाव आयोग से मिलेगा। तृणमूल के महासचिव ने कहा कि बंगाल में सात सीटों पर उपचुनाव लंबित हैं और उन्होंने पिछले महीने भी चुनाव आयोग से संपर्क किया था।

चुकी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी फिलहाल विधानसभा की सदस्य नहीं हैं। हाल ही में विधानसभा चुनाव में उन्हें नंदीग्राम में भाजपा के शुभेंदु अधिकारी के हाथों हार झेलनी पड़ी थी। इसके बाद भी उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

पहले भी ऐसे कुछ मुख्यमंत्री रहे हैं जो मुख्यमंत्री बनते समय अपने राज्य की विधानसभा के सदस्य नहीं थे। बिहार के नीतीश कुमार ने तीन दशक से अधिक समय से विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा है। नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में भी वे प्रत्याशी नहीं थे। महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने भी चुनाव नहीं लड़ा है। ये दोनों विधानपरिषद के सदस्य हैं।

चुकी इन राज्यों में विधानसभा और विधानपरिषद के रूप में दो सदन है, लेकिन बंगाल समेत देश के बहुत से राज्यों में विधान परिषद नहीं है। ऐसी स्थिति में वहां मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद छह महीने के अंदर विधानसभा का सदस्य बनना होगा।संविधान का अनुच्छेद 164 कहता है कि एक मंत्री, जो विधायक नहीं है, को छह महीने में विधायक चुन कर आना होगा नही तो इस्तीफा देना होगा।

उत्तराखंड में इन्हीं शर्तों की वजह से तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। तीरथ सिंह ने इसी साल मार्च में राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद देश में कोरोना के हालात बिगड़ गए। तीरथ को 6 महीने के अंदर विधानसभा का सदस्य बना पड़ता, लेकिन कोरोना की वजह से उप-चुनाव के अनुकुल माहौल नहीं बनते देख पार्टी ने पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बना दिया। हालांकि उनके इस्तीफा देने की कुछ और वजहें भी थी।

अतः इन्हीं संवैधानिक वजहों से तूणमूल जल्द से जल्द बंगाल में उपचुनाव कराने की मांग कर रही है। कारण अगर समय से उपचुनाव नहीं हुए, तो ममता को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है।

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