तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : कोलकाता से दिल्ली तक भाजपा चुनाव बाद हिंसा के मुद्दे पर त्राहि माम् कर रही है लेकिन सोमवार की रात रेलनगरी खड़गपुर के इंदा में टीएमसी के अंदर ही कोहराम मच गया । क्योंकि हमले में घायल पार्टी की जिला समिति के सचिव आशीष सेनगुप्ता को मारने – पीटने में पार्टी के ही विरोधी गुट का हाथ है , यह बात बिल्कुल साफ हो चुकी है । लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर ऐसा हुआ क्यों ??
दरअसल आश्चर्यजनक रूप से हुई इस घटना के दो मुख्य किरदार हैं । एक तो खुद घायल बबला और दूसरा आरोपित नेता हैदर अली उर्फ मंटा । मंटा पूर्व नपाध्यक्ष व विधायक प्रदीप सरकार का कट्टर समर्थक माना जाता है । वहीं हमले में घायल बबला पर इस गुट के समर्थकों का आरोप है कि विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने विरोधी गतिविधियां चलाई थी । इस बाबत वीडियो वायरल होने का दावा भी इस गुट के लोग करते हैं।
बता दें कि 2015 नगरपालिका चुनाव में जैसे – तैसे बोर्ड गठन और 2019 के विधानसभा उप चुनाव में मिली सफलता के आधार पर टीएमसी रेलनगरी में स्थायी सफलता का सपना देख रही थी , जो हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में चकनाचूर हो गया । टी एम सी के एक वर्ग को मलाल है कि इसके पीछे पार्टी के ही असंतुष्ट गुट का हाथ है।
इंदा में हुई रात की घटना के संबंध में कहा जा रहा है कि इसी बात को लेकर की गई तानाकशी मेदिनीपुर से लौट रहे सरकार समर्थकों को नागवार गुजरी और उन्होंने हमला कर दिया । यही नहीं हमलावरों ने इंदा स्थित टी एम सी आफिस को भी यह कहते हुए बंद कर दिया कि तृणमूल कांग्रेस कार्यालय में बैठ कर भाजपा करना नहीं चलेगा । इस ताजा परिस्थिति से निपटना टी एम सी नेतृत्व के लिए लोहे के चने चबाने जैसी कठिन चुनौती मानी जा रही है ।