Kolkata Desk : राज्य के मुख्य सचिव अलापन बंधोपाध्याय के तबादले को लेकर केंद्र और राज्य सरकार आमने-सामने है। इस मुद्दे पर केंद्रीय नेतृत्व ने भाजपा प्रदेश नेतृत्व को चुप रहने का कड़ा संदेश भेजा है। स्पष्ट कह दिया गया है कि राज्य भाजपा का कोई भी नेता इस मुद्दे पर टिप्पणी नहीं कर सकता है, कम से कम 31 मई तक।
सूत्रों का कहना है कि भाजपा के सर्वभारतीय सचिव (संगठन) बी एल संतोष के द्वारा दिलीप, मुकुल, शमिक जैसे अग्रिम पंक्ति के नेताओं को इस मुद्दे पर मुँह न खोलने की कड़ा संदेश भेजा गया है। अतः अब साफ हो गया है कि प्रदेश भाजपा का कोई भी नेता या प्रवक्ता इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से टिप्पणी नहीं करेगा।
क्यों दिया गया यह सख्त निर्देश?
भाजपा सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री की यास-समीक्षा बैठक में जिस तरह से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मौजूद नहीं थीं, उसे लेकर राज्य सरकार काफी दबाव की स्थिति में है। अब अगर राज्य भाजपा के नेताओं की ओर से कोई भी इस मुद्दे पर कुछ भी टिप्पणी करता है तो ममता बनर्जी इस शब्द का इस्तेमाल विरोध में प्रचार करने के लिए कर सकती है।
इसलिए राज्य भाजपा नेताओं को ‘सेंसर’ करने का फैसला केंद्रीय नेतृत्व ने लिया है, कम से कम 31 मई तक कारण उसी दिन अलापन बंधोपाध्याय को सुबह 10 बजे नॉर्थ ब्लॉक में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है।