खड़गपुर : ऋतु परिवर्तन के संक्रमण काल में खड़गपुर रेलवे स्टेशन के समीप स्थित बोगदा इलाका एक विरल आध्यात्मिक , साहित्यिक और सांस्कृतिक संध्या का साक्षी बना । प्रेस क्लब ऑफ खड़गपुर तथा मीडिया फ्रेंडस के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में संवाद , संवेदना और संस्कृति का अनूठा संगम देखने को मिला । समूचे आयोजन का एक सिरा कुशल मंच संचालन से पत्रकार जितेश बोरकर ने संभाले रखा तो आतिथ्य स्वागत और प्रबंधन की बागडोर युवा पत्रकार सुमन दास और डी . भानु ने । जितेश के आग्रह पर लेखक व पत्रकार तारकेश कुमार ओझा ने अपनी कविता की चार पंक्तियां ” समय के साथ बदल गया बहुत कुछ, नहीं बदला तो मां का ममतामयी रुप, मां सरस्वती से है बस चाह इतनी, बुलंद रहे भारत, खिलखिलाता रहे खड़गपुर, सुनाया…।
इसके पश्चात समाजसेवी राहुल शर्मा, गोपाल अग्रवाल, लता आचार्य, जसबीर कौर, मुकेश व अन्य ने अपने संक्षिप्त संबोधन में सकारात्मक पहल के लिए आयोजकों की सराहना की और हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया । जरूरतमंदों के बीच कंबल वितरण के उपरांत कार्यक्रम का दूसरा चरण आरंभ हुआ तो प्रख्यात कवि रामा श्री निवास ” राज ” और उमेश प्रसाद शर्मा ” फिकर् ” ने देर तक अपनी रचनाओं से समां बांधे रखा । साहित्यिक धारा का असर था कि राजनीति की रपटीली राह पर चलने वाले भी चार पंक्तियाँ सुनाने से खुद नहीं रोक सके।