महाराजा अग्रसेन टेक्निकल एजुकेशन सोसायटी में शिक्षक दिवस की 60वी वर्षगाँठ मनाई गई

‘’मानव जीवन विकास के लिए भारतीय संस्कृति में गुरु की महत्वपूर्ण भूमिका मानी गई है।
गुरु ही शिष्य का मार्गदर्शन करते हैं और वे ही जीवन को ऊर्जामय बनाते हैं।
‘’आचार्य देवोभवः’ का स्पष्ट अनुदेश भारत की पुनीत परंपरा है और वेद आदि ग्रंथों का अनुपम आदेश है।“

नई दिल्ली । महाराजा अग्रसेन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एवं मैनेजमेंट स्टडीज ने मनाया शिक्षक दिवस की 60वी वर्षगाँठ कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों के स्वागत और दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता मेट्स एवं महाराजा अग्रसेन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एवं मैनेजमेंट स्टडीज के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. नंद किशोर गर्ग ने की।
डॉ. नंद किशोर गर्ग ने शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए कहा की राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों के योगदान की सराहना की।

उन्होंने कक्षा में सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं के पोषण के लिए नई शैक्षणिक प्रथाओं को आत्मसात करने के संदर्भ में बदलते परिदृश्यों के साथ तालमेल बिठाने में शिक्षकों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में भी बात की। भारतीय संस्कृति में गुरु का बहुत ऊंचा और आदर का स्थान है। माता-पिता के समान गुरु का भी बहुत आदर रहा है और वे शुरू से ही पूज्य समझे जाते रहे है। गुरु को ब्रह्मा, विष्णु, महेश के समान समझ कर सम्मान करने की पद्धति पुरातन है। ‘आचार्य देवोभवः’ का स्पष्ट अनुदेश भारत की पुनीत परंपरा है और वेद आदि ग्रंथों का अनुपम आदेश है।

विनीत लोहिया, अध्यक्ष महाराजा अग्रसेन टेक्निकल एजुकेशन सोसायटी ने श्रोताओं को नई पांडित्य तकनीकों, सदियों पुरानी अभिरुचि और शिक्षण के पारंपरिक और आधुनिक तरीकों के बीच आवश्यक संतुलन के बारे में जानकारी के साथ संबोधित किया। कार्यकारी अध्यक्ष, एस.पी. अग्रवाल, मेट्स ने शिक्षकों की अनिवार्य भूमिका के बारे में बात की और कहा कि वे अपने संघर्षों और अविश्वसनीय उपलब्धियों के माध्यम से छात्रों के जीवन को कैसे आगे बढ़ाते हैं। उन्होंने सभी स्टाफ सदस्यों को अच्छी तरह से काम करने के लिए धन्यवाद दिया और उनके समर्पण और धैर्य की सराहना की।

प्रो. एम.एल. गोयल, वाइस चेयरमैन, मेट्स, ने प्रसिद्ध गुरुओं की शिक्षाओं और उनके शिक्षण के तरीके और मार्गदर्शन के तरीके हमें अब भी गलत तरीकों से कैसे रोकते हैं, इस पर अपने जोशीले भाषण से सभी को जोड़े रखा। उन्होंने हमारे जीवन में शिक्षकों के लिए मान्यता बढ़ाने और कैसे मेट्स ने छात्रों को एक समझदार और उत्तरदायी संकाय प्रदान किया है, इस बारे में भी बात की। महाराजा अग्रसेन टेक्निकल एजुकेशन सोसायटी की पत्रिका अग्रणी संकल्प के विमोचन के बाद एम.ए.आई.टी. एवं एम.ए.आई.एम.एस. द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम का प्रदर्शन किया गया। इसने हमारे छात्रों और संकाय सदस्यों के पास कला के विभिन्न रूपों में गहराई और ऊर्जा पर प्रकाश डाला।

आयोजन का मुख्य आकर्षण महाराजा अग्रसेन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और महाराजा अग्रसेन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज का पुरस्कार वितरण था। पीएचडी पूरा करने के लिए मान्यता पुरस्कार के साथ शिक्षण और गैर-शिक्षण संकाय की 15 वर्षों की सेवा को मान्यता देने वाले पुरस्कार दिए गए। पेटेंट/पुस्तकों के लिए शोध पुरस्कारों के साथ-साथ शोध पत्र प्रकाशन के लिए पुरस्कार भी प्रदान किए गए। समारोह की शुरुआत वंशिका की एक विचारोत्तेजक कविता द्वारा की गई थी, जिसके बाद महाराजा अग्रसेन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के सांस्कृतिक समाज द्वारा एक सुरुचिपूर्ण और आकर्षक समूह नृत्य प्रदर्शन किया गया था।

महाराजा अग्रसेन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के स्वराग के मधुर समूह गीतों और महाराजा अग्रसेन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के एफ़िनिटी को सभी ने सराहा। अंत में शिक्षकों द्वारा व्यक्तिगत प्रदर्शन ने सांस्कृतिक कार्यक्रम को पूरा किया और इसे उपस्थित लोगों के लिए एक यादगार कार्यक्रम बना दिया। मिस्टर हर्ष, मिस सुमेधा दत्ता और डॉ. उमेश पाठक ने अपनी सुरीली आवाज से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का समापन महाराजा अग्रसेन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की निदेशक प्रो. नीलम शर्मा द्वारा धन्यवाद ज्ञापित करके किया गया। उन्होंने हमारे रचनात्मक स्व से जुड़ने और हमारी प्रतिभा को अभिव्यक्ति देने की आवश्यकता पर जोर दिया और अपनी शुभकामनाओं के साथ कार्यक्रम का समापन किया।IMG-20220905-WA0021

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