राष्ट्रीय संचेतना महोत्सव का 38वां आयोजन हिंदी पखवाड़ा पूना कॉलेज पुणे में सम्पन्न हुआ

पुणे। राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना एवं पूना कॉलेज आफ आर्ट्स, साइंस एंड कोमर्स, पुणे के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 38वां राष्ट्रीय संचेतना महोत्सव मनाया गया। जिसका विषय- भारतीय भाषाओं की एकता और देवनागरी लिपि : शक्ति और संभावनाएं रहा। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित डॉ. शहनाज शेख, राष्ट्रीय महासचिव राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने अपना मंतव्य देते हुए कहा कि, हमारी देवनागरी लिपि भाषाओं को जोड़ने वाली कड़ी है। काव्य पाठ में ‘राम की कहानी मेरी जुबानी गया।

स्व. डॉ. शहाबुद्दीन नियाज मोहम्मद शेख की स्मृति में नागरी लिपि के लिए डॉ. रश्मि चौबे, गाजियाबाद, राष्ट्रीय प्रवक्ता, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना को सम्मानित किया एवं हिंदी के लिए डॉ. अनुसूया अग्रवाल, छत्तीसगढ़, अध्यक्ष महिला इकाई, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना को सम्मानित किया गया।

डॉ. इकबाल शेख, प्राचार्य पूना कॉलेज ने कहा, हर वर्ष हमारे कॉलेज में हिंदी और नागरी लिपि को बढ़ावा देने हेतु कार्यक्रम किए जाएंगे। अध्यक्षीय भाषण में डॉ. सुवर्णा जाधवव पुणे, कार्यकारी अध्यक्ष, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने कहा, हिंदी में अनुवाद के कार्य को बढ़ावा देना चाहिए और काव्य पाठ में गाया, ‘कितनी आसानी से दूसरी जगह पनप जाती है बेटियां।’

विशिष्ट वक्ता डॉ. प्रभु चौधरी, कोषाध्यक्ष, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने कहा, हमारे देश में जहां भी हिंदी का या देवनागरी का उपयोग न हो हमें शिकायत करनी चाहिए। डॉ. अनसूया अग्रवाल, छत्तीसगढ़, अध्यक्ष महिला इकाई, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने कहा, हिंदी हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति एवं संस्कारों की सच्ची संवाहक, संप्रेषक और परिचायक है। ‘भारत माता के भाल पर धरी है बिंदी, हम सब की दुलारी बहुत प्यारी है हिंदी।’

डॉ. रश्मि चौबे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने कहा, नागरी लिपि वैज्ञानिक है इसी वजह से आज विश्व में कम्प्यूटर, ट्विटर, वाट्सएप, इंस्टा पर आसानी से उपयोग की जा रही है। साथ ही गाया ‘हिंदी तुम जीवन का आधार हो, तुम जीवन की सुगंधित वयार हो।’

डॉ. इम्तियाज आगा, प्राचार्य, पूना कॉलेज ने कहा, हमारी संस्था कई वर्षों से गरीब बच्चों को कम फीस लेकर पढ़ा रही है। विशिष्ट वक्ता के रूप में उपस्थित डॉ. अरुणा शुक्ला, राष्ट्रीय संयोजक, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने कहा, राष्ट्रीय एकता के लिए हिंदी भाषा का उपयोग करना चाहिए। पत्रकार डॉ. रणजीत सिंह अरोरा, पुणे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, ने कहा, हमें अंग्रेजी भाषा के शब्दों का उपयोग नहीं करना चाहिए।

कार्यक्रम का उत्तम संचालन एवं संयोजन, डॉ. रश्मि चौबे, गाजियाबाद, राष्ट्रीय प्रवक्ता, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. शाकिर शेख, मुख्य समन्वयक के स्वागत भाषण से हुई। कार्यक्रम में पूज्यनीय स्व. डॉ. शहाबुद्दीन नियाज मोहम्मद शेख के परिवार सहित अन्य अनेक गणमान्य गण उपस्थित रहे।

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