ज्ञान-विज्ञान समिति का 32वां स्थापना दिवस समारोह

शिवशंकर प्रसाद, पलामू (झारखंड) : 22 दिसंबर दिन मंगलवार को ज्ञान विज्ञान समिति का 32वां स्थापना दिवस जिला कार्यालय में मनाया जाएगा। इस अवसर पर किसान आंदोलन के समर्थन में एक परिचर्चा आयोजित की जाएगी। जिसमें संघर्षरत किसान और हमारी भूमिका विषय पर बातचीत होगी। सोमवार को समिति के झारखंड राज्य अध्यक्ष शिव शंकर प्रसाद ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि विगत तीन दशकों में भारत ज्ञान विज्ञान समिति ने गौरवमयी सफर तय किया है। ज्ञान विज्ञान समिति को अगर साक्षरता अभियान का जनक कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के गठन से लेकर संपूर्ण साक्षरता अभियान, उत्तर साक्षरता अभियान एवं सतत शिक्षा केंद्र की स्थापना से लेकर साक्षर भारत अभियान तक का सफर सफलतापूर्वक संपन्न किया गया। 90 के दशक में साक्षरता दर में जबरदस्त वृद्धि हुई। इसका श्रेय भारत ज्ञान विज्ञान समिति के कुशल नेतृत्वकारी प्रशिक्षकों को जाता है।

जो देश के लगभग 300 जिलों में गांव-गांव में साक्षरता का अलग जगाकर लोगों को साक्षर होने का महत्व बताया। साथ ही लाखों स्वयंसेवक इस अभियान से जुड़कर करोड़ों साक्षर को अक्षर ज्ञान से आच्छादित कर पढ़ना लिखना सिखाया। इसी दौरान केरल के कला जत्था टीम ने नाटक, गीत-संगीत के माध्यम से एकीकृत पलामू जिले के धुरकी से लेकर चंदवा तक हरिहरगंज से लेकर नेतरहाट तक साक्षरता आंदोलन के लिए लोगों को प्रेरित किया। नतीजा यह हुआ कि यहां के बेहतर समाज का सपना देखने वाले मजदूर-किसान, छात्र-नौजवान, सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षक, प्रोफेसर, पत्रकार और बुद्धिजीवी सभी ने मिलकर निरक्षरता रूपी दानव को परास्त कर साक्षरता रूपी देवी को स्थापित करने का संकल्प लिया और इस कार्य को सफलतापूर्वक संपन्न करने के लिए समाज के हर तबके के लोगों का सहयोग लिया गया।

परिणाम स्वरूप पलामू जिला जिसका साक्षरता दर 26% था आज 74% के करीब है। जिला साक्षरता समिति पलामू के निर्माण से लेकर सफलता की गाथा तक भारत ज्ञान विज्ञान समिति की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। समिति ऐसे समाज के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है जो जन भागीदारी पर आधारित हो। लोकतांत्रिक, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, शिक्षित, सुंदर, स्वस्थ और आत्मनिर्भर हो। एक ऐसा समाज जिसमें हर व्यक्ति अपनी योग्यता क्षमता का योगदान करें और आर्थिक सामाजिक व शैक्षणिक रूप से समृद्ध बनें।

इन्हीं सब मुद्दों को लेकर समिति गांव-गांव में शिक्षा को केंद्र में रखकर निरंतर कार्य कर रही है। अपने 31 वें स्थापना दिवस पर इतिहास का अवलोकन कर बेहतर भविष्य के लिए कार्य योजना बनाएगी। साथ ही सरकार के जनविरोधी नीतियों के खिलाफ लोगों को जागरूक करने काम भी समिति करेगी। श्री प्रसाद ने कहा कि आज नई शिक्षा नीति के बहाने सरकार शैक्षणिक संस्थानों को कॉर्पोरेट के हवाले करने जा रही है। उसी प्रकार देश की प्रायः सभी संस्थान को कारपोरेट के हवाले कर दी गई है। आज छात्र-नौजवान और किसान अपने वजूद के लिए के लिए आंदोलनरत हैं। हम उनके आंदोलन के साथ हैं और बेहतर समाज के निर्माण करने वाले अपने अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

ज्ञान विज्ञान समिति उनके साथ आगे भी खड़ी रहेगी।
हम अपने स्थापना दिवस पर संकल्प लेते हैं कि बेहतर समाज के निर्माण के लिए वैज्ञानिक चिंतन के साथ लोगों को जागरूक करेंगे ताकि साक्षर, सुंदर और आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना साकार हो सके।
प्रेस कांफ्रेंस में समिति के जिला सचिव अजय कुमार साहू, वरिष्ठ पत्रकार गोकुल बसंत भी उपस्थित थे।

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