फ्लोरोसेंस आर्ट गैलरी द्वारा वाश पेंटिंग, टेराकोट म्यूरल, राकू, छापा कला एवं पारंपरिक मुखौटा पर 10 दिवसीय कार्यशाला 21 मई से
कार्यशाला का उद्देश्य युवा छात्रों को भारतीय पारंपरिक कला रूपों का व्यावहारिक अनुभव और प्रदर्शन प्रदान करना
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में स्थित फ्लोरेसेंस आर्ट गैलरी ने एलपीएस के सहयोग से समर आर्ट कैंप का आयोजन किया जा रहा है। फ्लोरेसेंस आर्ट गैलरी ने लखनऊ पब्लिक स्कूल और कॉलेज के सहयोग से अपने कला, सौंदर्य और सांस्कृतिक विकास कार्यक्रम के तहत एक विशेष समर आर्ट कैंप/कार्यशाला शुरू कर रहा है। कला के विभिन्न माध्यमों में होने वाले 21 मई से शुरू होकर 30 मई तक चलने वाली 10 दिवसीय कार्यशाला एलपीएस की चार शाखाओं गोमतीनगर, वृंदावन, राजाजीपुरम, जानकीपुरम में आयोजित की जा रही है और इसका समापन 31 मई को प्रदर्शनी के साथ होगा।
इस पहल का उद्देश्य युवा छात्रों को भारतीय पारंपरिक कला रूपों का व्यावहारिक अनुभव और प्रदर्शन प्रदान करना है। प्रत्येक दिन, सुबह 8:00 बजे से 11:00 बजे तक, छात्र क्षेत्र के प्रसिद्ध विशेषज्ञों द्वारा निर्देशित विविध कला रूपों में भाग लेंगे। संस्थापक-निदेशक नेहा सिंह ने छात्रों की क्षमता पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा, “इस तरह की गतिविधियाँ न केवल रचनात्मकता को बढ़ाती हैं बल्कि छात्रों को हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जुड़ने में भी मदद करती हैं।”

वर्कशॉप कोऑर्डिनेटर व कला अध्यापक राजेश कुमार ने बताया कि कार्यशाला में कई प्रतिष्ठित कलाकार शामिल हैं जो छात्रों को मार्गदर्शन देंगे। प्रो. राजेंद्र प्रसाद उन्हें वॉश पेंटिंग की सूक्ष्म कला से परिचित कराएंगे। कलाकार प्रेम शंकर प्रसाद राकू मिट्टी के बर्तनों की बारीक कला सिखाएंगे। शुचिता सिंह पारंपरिक मुखौटा बनाने पर सत्र संचालित करेंगी। ऋषभ गौतम टेराकोटा भित्ति चित्र निर्माण में अपनी विशेषज्ञता साझा करेंगे, और संध्या यादव प्रिंट मेकिंग में छात्रों का नेतृत्व करेंगी।
यह कार्यक्रम कलात्मक अभिव्यक्ति और सांस्कृतिक प्रशंसा के लिए एक जीवंत मंच बनने का वादा करता है। 31 मई को अंतिम प्रदर्शनी में कार्यशाला के दौरान बनाई गई कलाकृतियों को प्रदर्शित किया जाएगा, जो छात्रों की रचनात्मकता और सीखने की झलक पेश करेगी। माता-पिता, कला के प्रति उत्साही और स्कूल के प्रतिनिधियों से युवा कलाकारों का समर्थन करने और भाग लेने की उम्मीद है।
क्यूरेटर भूपेंद्र कुमार अस्थाना ने बताया कि लखनऊ स्थित प्रतिष्ठित फ्लोरेंस आर्ट गैलरी प्रदेश में कला और कलाकारों को लेकर पिछले पांच वर्षों से कला के कई तरह के कार्यक्रम आयोजित करती रही है साथ ही इस कार्यशालाओ के पहल के माध्यम से युवा कला प्रतिभा को बढ़ावा देना और पारंपरिक भारतीय कला को संरक्षित करना जारी रखती है, जिससे सांस्कृतिक शिक्षा आकर्षक और सुलभ दोनों बन जाती है।
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