फोटो, साभार : गूगल

कोलकाता : भारत में बढ़ते कोरोना वायरस के माले को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी, 14 अप्रैल को पूरा होना जा रहा है। ऐसे में उम्मीद लगायी जा रही है कि 14 अप्रैल के बाद खत्म कर दिया जाएगा। इसके बाद की स्थिति क्या होगी इस पर सभी मंथन करना शुरू कर दिए हैं। जानकार इस पर अगली रणनीति क्या हो सकती है इस पर विचार-विमर्श भी करने लगे हैं। इसी बीच सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पोस्ट लॉकडाउन की रणनीति तैयार करने में एक बड़ी पहल की। ममता बनर्जी ने ग्लोबल एडवाइजरी बोर्ड गठन करने की घोषणा की, जिसमें नोबेल विजेता अभिजीत विनायक बंद्योपाध्याय को शामिल किया गया हैं। अभिजीत विनायक बंद्योपाध्याय के अलावा डब्ल्यूएचओ के पूर्व रीजनल डायरेक्टर डॉ. स्वरूप सरकार, डॉ. अभिजीत चौधरी और डॉ. सुकुमार मुखोपाध्याय हैं। ये सदस्य आगामी रणनी​ति को लेकर मुख्यमंत्री को सुझाव देंगे जिसपर सरकार काम करेगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि अगले कुछ दिनों में इस कमेटी में और भी कुछ एक्सपर्ट्स को शामिल किया जाएगा। ममता बनर्जी ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए बताया कि अभी लॉकडाउन है और सब कुछ ठप पड़ा है। बाजार भी बंद है जिसके कारण कहीं से भी कोई रेवेन्यू नहीं आ रहा है। सरकार भी कुछ कर नहीं पा रही है। कोरोना एक महामारी है, जो कब तक खत्म होगी इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता है। इस दौरान सिर्फ बंगाल ही नहीं पूरे देश की इकॉनोमी चरमरा गयी है, जो भविष्य में कब तक पटरी पर आएगी यह बताना मुश्किल है। ऐसे समय में भविष्य की रणनीति बनाने की जरूरत है और इसी​ के तहत राज्य सरकार ने बड़ी पहल करते हुए ग्लोबल एडवाइजरी बोर्ड फॉर कोविड रिस्पॉन्स पॉलिसी इन वेस्ट बंगाल का गठन किया है।

 

 

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